आने वाले कुछ दिनों में मध्यप्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे। इसकी सबसे अहम वजह रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाले राज्य स्तरीय वन्यप्राणी बोर्ड से अनुमोदन मिल गया है। अब ये प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 2011 में रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। वन विभाग के अफसरों का मानना है कि सबकुछ ठीक रहा तो दो माह में रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। ऐसे में नागपुर के बाद भोपाल दूसरा बड़ा शहर होगा, जिसमें टाइगर रिजर्व का हिस्सा भी शामिल होगा और इतने नजदीक एयरपोर्ट होगा। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभरंजन सेन ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को बोर्ड का अनुमोदन मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा- 2008 से ये प्रस्ताव किसी ने किसी कारण से अटक रहा था। अब बाकी सारी प्रक्रिया औपचारिकता जैसी ही हैं।
रातापानी सेंचुरी के टाइगर रिजर्व बनने के फायदे
56 बाघ, 70 तेंदुआ समेत 3123 वन्यप्राणी...
पर्यटन बढ़ेगा, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
टाइगर रिजर्व के लिए अब औपचारिकता ही बाकी है। इससे पर्यटन बढ़ेगा। यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। सरकार के इस फैसले से मप्र का भी देश में नाम होगा। देश और विदेश से यहां पर लोग घूमने के लिए आएंगे।
-शुभरंजन सेन, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ, मप्र